गोंडी धर्म संस्कृति संरक्षण समिति एवं छत्तीसगढ़ गोंडवाना संघ भाटापारा द्वारा सृष्टि माता कली कंकाली ठाना कचारगढ़ महाराष्ट्र का दर्शन जात्रा

संवाददाता – मनीष यादव बलौदाबाजार

  
गोंडवाना की महान शक्ति गोंडवाना लैंड तथा एशिया महाद्वीप के सबसे बड़े गुफा महाराष्ट्र में विराजमान आदि शक्ति माता कली कंकाली तथा सर्वोच्च प्रकृति शक्ति बड़ा देव, धर्म गुरु पहांदी पारी कुपार लिंगों,दाई रायताड़ जंगो,हीरासुका भूमका का दर्शन जात्रा गोंडी धर्म संस्कृति संरक्षण समिति एवं छत्तीसगढ़ गोंडवाना भाटापारा जिला बलौदाबाजार-भाटापारा द्वारा 25/12/2021 से26/12/2021 किया गया।
    
दर्शन जात्रा आदिवासी समाज के आदि शक्ति माता कली कंकाली से विशेष पूजा अर्चना कर जन कल्याण की
भावना से विश्व में कोरोना शांति तथा सामाजिक सांस्कृतिक अनेकता को दूर कर सामाजिक सांस्कृतिक एकता के लिए विशेष आह्वान किया गया।

उक्त बातों की जानकारी देते हुए गोंडी धर्म संस्कृति संरक्षण समिति के प्रांतीय महासचिव ने कहा समाज की पहचान संस्कृति होती है। आदिवासी संस्कृति विश्व संस्कृति की जननी और जनक है जिसका ऐतिहासिक धरोहर आज भी गढ़ किलो के रूप में पूरे देश में विराजमान हैं।
   
गोंडवाना की शक्तियां आज भी  जीवित है कचारगढ महाराष्ट् दर्रेकसा रेलवे स्टेशन से तीन किलोमीटर दूर ऊंची पहाड़ी पर एशिया की सबसे बड़ी गुफा में आदि शक्ति माता कली कंकाली,दाई रायताड़ जंगो, धर्म गुरु पहांदी पारी कुपार लिंगों ,ही रासुका भूमका आज भी अदृश्य शक्ति के रूप में विराजमान हैं। जहां लाखों श्रद्धालु नंगे पैर चढ़कर अपने मनो कामना की पूर्ति करते हैं।


   
पहाड़ी में विराजमान गुफा से अविरल पानी की धारा बहते रहती है जिसकी शुद्ध तथा आयुर्वेदिक मिश्रण के कारण माता का प्रसाद के रूप में बाटलो में लाते हैं जो की वर्षों तक खराब नहीं होता।यह सशक्त प्रमाण है।
   
माघी पूर्णिमा में पांच दिवसीय विशाल जात्रा मेंला लगता है जहां भारत ही नहीं विश्व से भी लोग माता आदिशक्ति कली कंकाली का दर्शन करने आते हैं।
     
वर्तमान में पर्यटन स्थल के रूप में भी देखा जा रहा है।पर शक्ति स्थल को पर्यटन स्थल न बनाया जा ऐसा संदेश प्रांतीय महासचिव गोंडी धर्म संस्कृति संरक्षण समिति द्वारा मंशा व्यक्त किया गया।कारण पर्यटन स्थल बनाने से लोग श्रद्धा आस्था तो दूर घूमने पार्टियां मनाने जाते हैं जो देव स्थान को प्रदुषित करते हैं।कई लोग मनचले तथा अन्य अपने को पैसा वाले समझने वाले लोग समिति नियमों का उल्लघंन करते हुए छिपते छिपाते जूता चप्पलों के साथ भी चलें जातें हैं सुविधा होने से चारपहिया भी माता ठाना तक चली जाती है। जबकि पहले तीन चार किलोमीटर पैदल नंगे पैर जाकर आस्था श्रद्धा की ज्योति जलाया जाता था। पवित्रता शुद्धता को ध्यान में रखा जाना आवश्यक है।
    
दो दिवसीय दर्शन जात्रा कार्य क्रम में प्रदेश गोंडी धर्म संस्कृति संरक्षण समिति एवं छत्तीसगढ़ गोंडवाना संघ के प्रांतीय महासचिव , जिला बेमेतरा के जिलाध्यक्ष कला संस्कृति में राष्ट्रपति पुरस्कार से सम्मानित तिरूमाल फागू नेताम जी, राजनांदगांव जिले से युवा प्रमुख कुमार मंडावी, गजमर्रा से कोर्राम  सचिव प्रकाश मंडावी, नंदकुमार छेदैईहा,दौलत धनेश्वर जगत, धर्मेन्द्र मंडावी प्रहलाद यादवगवरा दाई महिला सेवा समिति से मालती कुंजाम, युवा प्रभाग से रोशनी कुंजाम, रेणुका कुंजाम ऐश्वर्या कुंजाम राघवेन्द्र सिंह कुंजाम , गुड़िया कोर्राम गज मर्रा तथा राजनांदगांव जिले से अधिकांश लोग उपस्थित रहे।
उक्त जानकारी आर के कुंजाम व्याख्याता द्वारा दिया गया।