मनरेगा मे फर्जी जॉब कार्ड बनाकर शासन को चूना लगाने वाले ग्राम पंचायत चंगेरी के रोजगार सहायक की नहीं हो पायी जांच

गौरेला पेड्रा मरवाही

अधिकारी के नाम पर भर रहा दंम्भ

भ्रष्टाचार एक ऐसा बीज है जो हमारे देश में बिच्छू घास की तरह अपनी पैठ जमा चुका है जिसको लोग जिज्ञासावश छूकर देखते हैं और इसके जहर का आनंद लेते हैं बिच्छू घास के काटे का इलाज भी घास के पास उगी घास से होता है ठीक उसी तरह रिश्वत लेने वाले के साथ उसके ऊपर बैठा अधिकारी खेल खेलता है उसके पास भी इसका हर तोड़ होता है !भ्रष्टाचार की जड़े हमारे पूरे भारत देश में फ़ैल चुकी हैं आये दिन इनके अंकुर फूट-फूट कर भोली-भाली जनता को चूसते हैं ! देखने की बात तो ये है कि भ्रष्टाचार का बीज अंकुरित होकर अपनी कोपलों से उड़ान भरकर कैसे समाज को जकड़े हुये है ! अगर भ्रष्टाचार की बात की जाये तो दो प्रश्न प्रमुखता से हमारे सामने उभर के आते हैं ! सबसे पहले तो ये कि भ्रष्टाचार का श्रोत कहाँ से फूटा है और क्या कारण हैं भ्रष्टाचार के ! सबसे अहम और दूसरा मुख्य प्रश्न है कि इसका निवारण कैसे हो ! नैतिकता का पतन ही मुख्य रूप से इसका पहला श्रोत होता है, आचरण का भ्रष्ट हो जाना ही भ्रष्टाचार है ! आचरण का प्रतिनिधित्व सदैव नैतिकता करती है ! नैतिकता के बल पर ही मनुष्य अपने आचरण को संयमित करता है ! किसी भी मनुष्य का नैतिक उत्थान अथवा पतन उसके आचरण पर गहरा प्रभाव डालता है ,

भ्रष्टाचार रोजगार जितना महत्वपूर्ण मुद्दा है उतना ही महत्वपूर्ण यह भी है कि भ्रष्टाचार शून्य हो जाए, सिर्फ भ्रष्टाचार को कम कर के कुछ खास हांसिल नही हो सकता। लोकतंत्र का मतलब क्या है। वोट डालकर देखते रहना या जो गलत हो रहा है उसे बदलने के लिए अपने अधिकारों का सदुपयोग करना। बदलाव सब चाहते है लेकिन यह भी चाहते है कि शुरुआत कोई और करें। जो सक्षम है वो शुरुआत से परहेज करते है और जो शुरुआत करना चाहते है उन्हें सक्षम लोगों से वो सहयोग नही मिल पाता जिस सहयोग की उन्हें आवश्यकता होती है। बात जब देश को बेहतर बनाने की है तो उसमें सबकी और ज्यादा से ज्यादा भागीदारी होनी चाहिए फिर चाहे वह किसी भी रूप में क्यों ना हो। एक कहावत याद आई, ‘काहे करू श्रृंगार जब पिया ही अंधा’ अब आप अपने आप से सवाल कीजिए कि पिया कोन है, सरकार या जनता से कुछ छुपा नही है। पड़ोस में रहने वाला सरकारी चपरासी भी कितना और कैसे कमाता है जनता सब जानती है लेकिन भाई-भतीजवाद में जाने-अनजाने चुप रहकर अपने ही बच्चों के भविष्य का गला घोट रही है। देश मे ईमानदार लोगो की कमी नही है। कमी है ईमानदार लोगो का समर्थन और सहयोग करने वालो की। आम आदमी स्टारडम का इतना आदि हो चुका है कि अब वह समर्थन भी उसी का करना चाहता है जिसके साथ भीड़ हो। भीड़ ख़रीदी जा सकती है यह वो जानता है लेकिन फिर भी भीड़ के साथ चलता रहता है।

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छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के द्वारा जनमानस के हितों की प्रतिपूर्ति करने के लिए नवनिर्मित जिला गौरेला पेंड्रा मरवाही मे करोड़ों रुपए खर्च कर विकास की गंगा बहाया जा रहा है, वहीं दूसरी ओर छत्तीसगढ़ की चर्चित और ऐतिहासिक विधानसभा सीट मरवाही में भ्रष्टाचार का सिलसिला जारी है, भ्रष्टाचार दिनोंदिन फल फूल रहा है, जिला गौरेला पेड्रा मरवाही कलेक्टर नम्रता गांधी के सख्त निर्देश के बाद भी भ्रष्टाचार पर अंकुश नहीं लग रहा है,
जिससे भ्रष्टाचारियों के हौसले बुलंद हैं, सक्षम जिम्मेदार अधिकारियों का कोई खौफ नहीं रहा, भ्रष्टाचारी आये दिन बेखौफ होकर भ्रष्टाचार को अंजाम दे रहे हैं, शासन प्रशासन की न्यायिक जांच ना हो पाने के कारण भ्रष्टाचारी आम जनता की पैसा को पानी की तरह बहा रहे हैं,

दरअसल मरवाही जनपद पंचायत के अंतर्गत ग्राम पंचायत चंगेरी मे शासकीय भूमि पर डबरी निर्माण कराने एवं फर्जी जॉब कार्ड बनाकर शासन की आंखों में धूल झोंक कर धन राशि के दुरुपयोग कर मनमानी की शिकायत और न्यायिक कार्रवाई की मांग लगातार उठती रही है,

वही जॉब कार्ड में फर्जी तरीके से मनमानी की बारे में ग्राम पंचायत चंगेरी के सरपंच सुरेश अगारिया से सवाल किया गया तो कहा कि मैं तो सरपंच हूं मैं तो नहीं जानता कौन कहता है, मै नही मानता पहले जांच हो तभी तो पता चलेगा,

जनपद सदस्य आयुष मिश्रा से ग्राम चंगेरी मे मनरेगा मे जॉब कार्ड के मनमानी के बारे में सवाल किया गया तो कहा गया कि फर्जी जॉब कार्ड बनाकर शासन की धनराशि के दुरुपयोग पर सूक्ष्मता से जांच होना चाहिए, शासन के पैसा जनकल्याण के लिए होता है,

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जिला पंचायत सदस्य एवं एनएसयूआई प्रदेश उपाध्यक्ष शुभम पेद्रो ने कहा शासन की योजनाओं का लाभ आम जनता को समुचित और न्यायिक ढंग से होना चाहिए, यदि मनरेगा में फर्जी जॉब कार्ड बना कर मनमानी की जा रही है तो यह जांच का विषय है,

वहीं मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत मरवाही डां.राहुल गौतम ने कहा कि शासन प्रशासन आम जनता के हित के लिए काम करने के लिए सदैव तत्पर है, ग्राम पंचायत चंगेरी की फर्जी जॉब कार्ड की शिकायत मे कार्यवाही हेतु मनरेगा विभाग को आवेदन सौंप दिया गया है,

गौरतलब है कि नवनिर्मित जिला बनने के बाद करोड़ो रुपए की सौगात देकर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने विकास की मुख्यधारा में जोड़ने के लिए संकल्पित है, अंतिम व्यक्ति तक शासन प्रशासन की योजनाओं का लाभ पहुंचाने के लिए लाख जतन किए जा रहे हैं, छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को 3 साल पूरे हो गए हैं
सरकारे बदलती रही, लेकिन सिस्टम वही रहा। गरीबों को कुचलने वाला निर्दयी सिस्टम। गरीब को गरीब बनाए रखने वाला सिस्टम।


सिग्नल पर 50 रुपये तक वसूलने वाला सिस्टम। शिकायत करने पर कठोर कार्यवाही ना करने वाला सिस्टम। रिश्वत लेते हुए पकड़े गर भ्रष्ट अधिकारी को फिर से रिश्वत वसूलने के लिए वही पद और पावर देने वाला सिस्टम,सबकुछ जानते बुझते अपना अपना हिस्सा लेकर चुप बैठने वाला सिस्टम,
सवाल यह उठता है कि भोली-भाली जनता के हक को मारने वाले भ्रष्टाचारियों पर नकेल कसने मे क्यों बौना हो जाती है प्रशासन,

मरवाही क्षेत्र में चेहरे बदल गए सरकार बदल गई
पर मरवाही क्षेत्र में हालात नहीं बदले अब देखना यह सुनिश्चित होगा कि शासन प्रशासन के द्वारा मरवाही जनपद के अंतर्गत ग्राम पंचायत चंगेरी में फर्जी जॉब कार्ड बनाकर शासन को चूना लगाने वाले लोगों पर क्या कार्रवाई की जाती है,

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