कलेक्टर साहब , सब कुछ ठीक है बस एक चीज खराब है , हॉस्टल से गुमसुदा बच्ची को पुलिस ने किया बरामद, 1 महीना बाद भी हॉस्टल अधीक्षक पर नही हुई कार्यवाही, उठ रहे कई तरह के सवाल…?

सूरजपुर। जिले के प्रशासनिक कसावट नही होने के कारण शासकीय कर्मचारी अपने कार्य का निर्वहन बेहतर तरीके से नही कर रहे है। बल्कि अनिमियता करने में कोई परहेज नही कर रहे है। ऐसे ही एक सनसनीखेज मामला सामने आया है। भैयाथान विकास खण्ड मुख्यालय आदर्श पोस्ट मैट्रिक कन्या छात्रावास में एक बालिक युवती पिछ्ले 26 नवम्बर 2021 को हॉस्टल से लापता हो गई थी। जिसे पुलिस ने महाराष्ट्र से सुदुर्प कर परीजन को शौपा है।

दरअसल मामला एक युवती की है जो बालिक है। पिता धनेश्वर लकड़ा ग्राम चंद्र मेंढ़ा सरकार द्वारा आदिवासी बच्चो के शिक्षा ग्रहण करने के लिए कन्या छात्रावास में दाखिला कराया था। जहां बच्ची 12 वी कक्षा में पढ़ रही थीं। पिता धनेश्वर लकड़ा बताते है कि हम निश्चिंत थे कि हमारी बच्ची पढ़ रही है। हॉस्टल में बेहतर सुविधाएं है।

इसी बीच में परिजन 1 दिसम्बर 2021 को छात्रावास में पहुँचे और युवती को घर ले जाने के लिए कहा कि तभी हॉस्टल के अधीक्षक श्रीमती खलखो ने कहा कि आपकी बच्ची आदिवासी विभाग द्वारा आयोजित खेल प्रतियोगिता में 26 नवम्बर 2021 को गई हुई है। परिजनों ने विभाग में जाकर दस्तावेज़ की जांच की तो पाया कि इनकी पुत्री का नाम ही नही है। तब खोज-बीन रिश्तेदारों के यहां की तब पता चला कि बच्ची कही नही है। बच्ची के पिता श्री लकड़ा ने झिलमिली थाना में गुमसूदगी की रपट लिखाई, पुलिस ने टीम बनाकर महाराष्ट्र से 2 व्यक्ति कोरबा जिले के भाई बहन के साथ हॉस्टल से गुम बच्ची को लाई थी।

जिसे न्यायालय में पेश कर परिजनों को सुदुर्प किया है। ऐसे में सवाल उठता है कि हॉस्टल अधीक्षक जिसका कार्य बच्चो के मां बाप की तरह देख भाल करने छात्रा वास रहने वाले बच्चों को नैतिक शिक्षा देने अनुशासन में रहने जैसे अन्य कार्य होते है। देख रेख के अभाव में बच्ची गुमसुदा हो जाती है और परिजन को गुमराह किया जाता है। ऐसे में लापरवाही बरतने वाले हॉस्टल अधीक्षक व मंडल संयोजक, ट्राइबल के के मुखिया पर तत्काल ठोस कार्यवाही जिले के क्लेक्टर को किया जाना चाहिये था किंतु अब तक कोई कार्यवाही सामने नही आया है।

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