अरंडी का पेड लगाकर किया गया होलिका महोत्सव का आगाजधार्मिक परंपराओं एवं मान्यताओं से आगामी पीढ़ी को अवगत कराना है, हमारा धर्म -कुलेश सोनी

कुमार नायर धमतरी


धमतरी -: प्राचीन मान्य परंपराओं के अनुसार मांघ महीने के कृष्ण पक्ष के पंचमी तिथि को होली का महोत्सव का प्रारंभ माना जाता है इस दिन अरंडी का पेड़ को पूजा अर्चना करते हुए होलिका दहन स्थल पर गाढ़ा जाता है तथा यहीं पर लकड़ी गोबर का कंडा सहित अन्य सामग्रियों को इकट्ठा कर फागुन माह में शुक्ल पक्ष के पूर्णिमा को होलिका दहन के साथ ही दूसरे दिवस रंग व गुलाल का पर्व होली को हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है

जो कि हिंदू सनातन धर्म में दीपावली के बाद सबसे बड़ा पर्व प्राचीन काल से मानते चले आ रहे हैं शहर के अनेक स्थलों पर जहां होलिका दहन होता है वहां आज वसंत पंचमी के दिवस अरंडी का वृक्ष को बच्चे के द्वारा पूरे उल्लास के साथ पूजा अर्चना कर गाढ़ा गया गौरतलब है कि आज की के दिवस ज्ञान की देवी मां सरस्वती की भी पूजा अर्चना कर बच्चे आने वाली परीक्षाओं की तैयारी प्रारंभ करते हैं इसलिए इसे सरस्वती पूजन दिवस भी कहा जाता है।

अंबेडकर वार्ड में बच्चों के साथ कुलेश सोनी उपरोक्त धार्मिक परंपराओं का निर्वहन करते हुए बच्चों को अवगत कराया तथा कहा कि धार्मिक परंपराओं मान्यताओं को आगामी पीढ़ी से अवगत कराना हम सबका धर्म है और यही हमारी पहचान भी है।