Raipur news:-मुख्यमंत्रीCMलोकवाणी:- प्रत्येक जिले में होगा महिला सुरक्षा प्रकोष्ठ का गठन ,,, महिलाओं के लिए और भी बहुत कुछ खास ,,, पढ़े पैरीलहर सत्य खबर

● लोकवाणी (आपकी बात- मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल के साथ) की 27वीं कड़ी प्रसारित

मुख्यमंत्री ने ‘छत्तीसगढ़ सरकार-नारी शक्ति के सरोकार‘ विषय पर की बात

सफलताओं की चोटियां फतह कर रही हैं छत्तीसगढ़ की बेटियां

तीन वर्षों में सामर्थ्यवान हुई प्रदेश की महिलाएं

छत्तीसगढ़ में धरती, प्रकृति, परंपरा और नारी का हो रहा भरपूर सम्मान

अपनी परंपरा, संस्कृति और अस्मिता की मजबूत बुनियाद से गढ़ रहे नवा छत्तीसगढ़

वर्ष 2020-21 में लैंगिक समानता के लिए छत्तीसगढ़ को मिला प्रथम स्थान

छत्तीसगढ़ में गांवों से शहरों तक तथा सरकारी नौकरी से लेकर स्व-रोजगार तक हर जगह महिलाओं की तरक्की के लिए खुले रास्ते

छत्तीसगढ़ महिला कोष: अब तक 39 हजार समूहों को 9500 करोड़ रूपए से अधिक के ऋण का वितरण

कौशल्या मातृत्व योजना: दूसरी बेटी के भी जन्म पर 5000 रूपए की राशि

महिला हेल्पलाईन: टोल फ्री नम्बर 181 संचालित

सरकारी पदों में भर्ती के लिए महिलाओं को 30 प्रतिशत का आरक्षण

छत्तीसगढ़ में बेटियों के लिए पोस्ट ग्रेजुएट तक निःशुल्क शिक्षा की सुविधा

मुख्यमंत्रीCM भूपेश बघेल ने आकाशवाणी से आज प्रसारित रेडियोवार्ता लोकवाणी की 27वीं कड़ी में छत्तीसगढ़ सरकार-नारी शक्ति के सरोकार‘ विषय पर चर्चा करते हुए कहा कि महिलाओं के मान सम्मान से ही हमारी सभ्यता और संस्कृति की पहचान होती है। इसे हम सभी को गहराई से समझना चाहिए। उन्होंने कहा कि नारी का सम्मान करने वाला समाज ही संस्कारी समाज होता है। छत्तीसगढ़ में महिलाओं को भरपूर सम्मान दिया जा रहा है। यही वजह है कि छत्तीसगढ़ की महिलाएं और बेटियां अब बड़े लक्ष्य लेकर निकल पड़ी है, जिसे आगे बढ़ने से अब कोई रोक नहीं सकता।

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छत्तीसगढ़ राज्य के गठन को हम एक ऐतिहासिक घटना मानते हैं। हमारे पुरखों के मन में अपने राज्य की एक मुकम्मल तस्वीर थी। सदियों से छत्तीसगढ़ एक लोक प्रदेश रहा है। यहां की परंपरा, पर्व-त्यौहार, संस्कृति के विभिन्न रंगों में, अपने संसाधनों के प्रति आदर भाव में, अपने स्वाभिमान और अस्मिता के स्वभाव में, जो अपनी जननी के प्रति आस्था और श्रद्धा रही है, वही आस्था अपनी धरती के प्रति भी रही है । हमने अपनी विरासत से जो सीखा है, वंदे मातरम के गान से हमने जो सीखा है, उसे अपने प्रदेश में उतारने की प्रबल इच्छा रही है। सौभाग्य से हमें यह अवसर मिला और सरकार बनने के बाद हमने जब इसके लिए उपयुक्त गीत की खोज की तो आचार्य डॉ. नरेन्द्र देव वर्मा का छत्तीसगढ़ी में लिखा यह गीत विचार में आया। ‘अरपा पइरी के धार महानदी हे अपार, इन्द्रावती ह पखारय तोर पईंया। महूं पांव परंव तोर भुइंया, जय हो-जय हो छत्तीसगढ़ मइया‘ इस गीत में हमें छत्तीसगढ़ महतारी की सम्पूर्ण छवि दिखती है। हम इसी मातृभाव के साथ छत्तीसगढ़ की सेवा करना चाहते हैं। इसलिए इस गीत को छत्तीसगढ़ का राज्य गीत बनाया गया है।

मुख्यमंत्री श्री बघेल ने कहा कि हमारे पुरखों की वजह से हमें ऐसा संविधान मिला है, जिसमें महिलाओं को बराबरी का दर्जा दिया गया है। हमारे संस्कार और प्रयासों का ही नतीजा है कि छत्तीसगढ़ विधानसभा में महिलाओं का प्रतिशत, देश की अन्य विधानसभाओं की तुलना में सबसे अधिक है। पंचायती राज संस्थाओं के चुनाव में भी महिलाओं के लिए 50 प्रतिशत आरक्षण का प्रावधान है। भूमि और संपत्ति पर कानून के अनुसार महिलाओं को समान स्वामित्व और नियंत्रण का अधिकार है।

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मुख्यमंत्री ने कहा कि हमने ऐसे कई नीतिगत इंतजाम किए हैं, जिसमें महिलाओं को अचल संपत्ति पर अधिकार मिले। अचल संपत्ति का पंजीयन महिलाओं के नाम पर कराए जाने पर स्टाम्प शुल्क में 1 प्रतिशत छूट देने का प्रावधान किया गया है, जिसके कारण एक वर्ष में 50 हजार से अधिक पंजीयन हुए और 37 करोड़ रुपए से अधिक की छूट उन्हें मिली। सरकारी पदों में भर्ती के लिए 30 प्रतिशत आरक्षण की सुविधा महिलाओं को दी गई है। महिला छात्रावास तथा आश्रमों में महिला होम गार्ड के 2 हजार 200 नए पदों का सृजन किया गया है। प्रदेश के 370 थानों में महिला हेल्प डेस्क संचालित किए जा रहे हैं। महिला हेल्पलाईन 181 का संचालन किया जा रहा है। प्रदेश के किसी भी कोने से इस टोल फ्री नंबर 181 पर फोन करके कोई भी महिला सहायता प्राप्त कर सकती है। मैं चाहूंगा कि हमारी बहनें इस 181 नंबर को याद रखें और कोई भी तकलीफ होने पर इसकी मदद लें।

प्रत्येक जिले में महिला सुरक्षा प्रकोष्ठ का गठन करने जा रहे हैं ताकि हमारी माताओं, बहनों को पूर्ण सुरक्षा का वातावरण मिले। जिला खनिज न्यास निधि बोर्ड में ग्रामसभा सदस्य के रूप में 50 प्रतिशत महिलाओं की भागीदारी सुनिश्चित की गई है। प्रत्येक जिले में महिलाओं के लिए अपना महाविद्यालय हो, इसके लिए हमने 9 जिलों में नए महिला महाविद्यालय शुरू किए हैं। हमारे प्रयासों से सरकारी महाविद्यालयों में बेटियों की संख्या बेटों से डेढ़ गुना हो गई है। छत्तीसगढ़ के इन अभूतपूर्व प्रयासों को नीति आयोग ने भी सराहा है और वर्ष 2020-21 की इंडिया-इंडेक्स रिपोर्ट में लैंगिक समानता के लिए छत्तीसगढ़ को प्रथम स्थान प्राप्त हुआ है।

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