20 दिन बाद भी मजदूरों को नहीं मिल पाया मजदूरी भुगतान,मनरेगा कर्मचारियों के हड़ताल में जाने से चरमरा गई व्यवस्था

गरियाबंद रविकांत तिवारी संभाग ब्यूरो चीफ

देवभोग। मनरेगा कर्मचारियों के हड़ताल में जाने से व्यवस्थाओं को पटरी में लाने का दावा करने वाले जनपद के अधिकारी और कर्मचारी समय पर मजदूरी भुगतान नहीं करवा पा रहे हैं,जिसके चलते उनके कार्यप्रणाली पर सवालिया निशान खड़ा होने लगा हैं। स्थिति यह हैं कि जनपद पंचायत ने 20 अप्रैल को मस्टररोल मंगवाकर कार्य प्रारंभ करने का दावा किया था। वही जनपद पंचायत ने कार्य तो शुरू करवा दिया, लेकिन आज 20 दिन बीतने के बाद भी मजदूरों के खाते में राशि नहीं गई हैं।

समय पर मजदूरी भुगतान नहीं होने से मनरेगा के काम के प्रति मजदूरों की रुचि भी कम होने लगी हैं। वही समय पर भुगतान नहीं होने से मजदूरों का आक्रोश भी बढ़ने लगा हैं। मामले में दहिगांव के सरपंच खगेश्वर नागेश ने भी माना की समय पर मजदूरी भुगतान नहीं होने से मजदूरों का आक्रोश बढ़ने लगा हैं। उन्होंने यह भी कहा कि मनरेगा कर्मचारियों के हड़ताल में जाने से मस्टररोल जनरेट भी सही समय पर नहीं हो पा रहा हैं। जिसके चलते भी बहुत ज्यादा परेशानी का सामना करना पड़ रहा हैं।

मजदूरों की संख्या में भी नहीं हुई बढ़ोत्तरी….. यहां बताना लाजमी होगा की जनपद पंचायत ने जब 20 अप्रैल को काम शुरू करवाया था। उस दौरान कुछ ही दिनों में मजदूरों की संख्या बढ़कर लगभग 4 के आसपास पहुंच गईं थी। लगातार मजदूरों के बढ़ते आंकड़ों से लगने लगा था की पूरे ब्लॉक में पहले की तरह लगभग 16 से 17 हजार मजदूर काम करने के लिए लौटेंगे। वही आज लगभग 20 दिन से ज्यादा का समय हो चुका हैं लेकिन आज भी पूरे ब्लॉक में लगभग 4 हजार मजदूर ही कार्यस्थल पर पहुंचकर कार्य कर रहे हैं।

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मामले में जनपद सीईओ मनहर लाल मंडावी ने भी माना की अभी तक मजदूरी भुगतान नहीं हो पाया हैं। उन्होंने कहा कि नई आइडी बनाकर कार्य चालू कर दिया गया हैं,एक से दो दिनों के अंदर मजदूरी भुगतान कर दिया जायेगा। सीईओ ने यह भी कहा की मनरेगा कर्मचारियों के हड़ताल में चले जाने से कर्मचारियों की भी कमी हो गई हैं। मात्र तीन कंप्यूटर ऑपरेटर के भरोसे कार्य चल रहा हैं। उन्होंने यह भी कहा की जल्द ही पूरी व्यवस्थाएं पटरी पर आ जाएंगी। सीईओ ने कहा की पहले आइडी रोजगार सहायकों के पास थीं। अब उस आइडी को बदलकर उन्हें सचिवों को दिया जा रहा हैं। इसी के चलते ही मजदूरी भुगतान या फिर मस्टररोल जनरेट करने में परेशानी हो रही है।