सुरज मंडावी पैरी लहर सत्य खबर ब्यरो
उतर बस्तर कांकेर:-आदिवासी संस्कृति को संजोए रखने के लिए छत्तीसगढ़ शासन संसदीय सचिव व कांकेर विधानसभा क्षेत्र के विधायक शिशुपाल शोरी के द्वारा लगातार प्रयास किए जा रहे हैं। साथ ही राज्य सरकार भी आदिवासी संस्कृति को संरक्षित करने के लिए अनेक योजनाएं संचालित कर रही है। इसी तारतम्य में आज मुख्य अतिथि के रूप में संसदीय सचिव व कांकेर विधानसभा के विधायक शिशुपाल शोरी ने नरहरपुर विकासखंड के अंतर्गत ग्राम पंचायत बादल के गौठान में रोका छेका त्योहार मनाकर, खाद्य गोदाम निर्माण कार्य, चबूतरा निर्माण कार्य, एवं देवगुड़ी निर्माण कार्य का भूमि पूजन किया।
◾️आइए जानते हैं रोका छेंका त्यौहार क्या है:-
संसदीय सचिव व कांकेर विधानसभा क्षेत्र के विधायक शिशुपाल शोरी ने गौठान में रोका छेका मनाया। जिसमें समस्त ग्रामीण एवं जनप्रतिनिधि अधिकारी कर्मचारी हुए। कांकेर जिले के नरहरपुर विकासखंड के अंतर्गत ग्राम पंचायत बादल के गौठान में आयोजित रोका छेका कार्यक्रम अभियान को विधायक शिशुपाल शोरी द्वारा संबोधित करते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के स्वावलंबी गांवों के सपनों को साकार करने की दिशा में तेजी से आगे बढ़ रही है।
नरवा, गरवा, घुरवा, बाड़ी योजना के तहत गौठान में संचालित विभिन्न आर्थिक गतिविधियों जैसे महिला स्व सहायता समूह के महिलाओं द्वारा वर्मी कंपोस्ट खाद्य के उत्पादन, बाड़ियों में सब्जियों के उत्पादन सहित अन्य आर्थिक गतिविधियों से महिलाएं और ग्राम वासियों को रोजगार के साथ आमदनी का जरिया मिल रहा है और वे स्वावलंबन की ओर बढ़ रहे हैं। उन्होंने कहा सभी गांव में रोका छेका अभियान कार्यक्रम किया जा रहा है, जिससे फसलों का नुकसान ना हो फसलों को खुले में चलने वाले पशुओं से बचाने के लिए रोका छेका अभियान बहुत महत्वपूर्ण है।
इस रोका छेका अभियान एवं भूमि पूजन के अवसर पर अध्यक्षता के रूप में ग्राम पंचायत बादल सरपंच भगवान सिंह जुर्री एवं विशिष्ट अतिथि के रूप में जिला पंचायत सदस्य हेमलाल मरकाम , जनपद पंचायत नरहरपुर अध्यक्ष संजू लता नेताम , नगर पंचायत अध्यक्ष प्यारी सलाम ,जनपद सदस्य संत मरकाम, कांकेर जनपद सदस्य राजेश भास्कर, वरिष्ठ कांग्रेसी नेता परदेसी निषाद , माडवी दीक्षित , पार्षद डिकेशवर मरकाम, विधायक प्रतिनिधि मनीराम सिन्हा, सरपंच ग्राम पंचायत धौराभाठा महेश नेताम, ग्राम पंचायत उपसरपंच उमेश मंडावी, एवं भारी मात्रा में गांव के ग्रामीण व अधिकारी कर्मचारी उपस्थित थे।