राष्ट्रीय पटल पर विधि रत्न 2022 बेस्ट एडवोकेट का अवार्ड प्राप्त कर डीके सोनी ने बढ़ाया राज्य व जिले का बढ़ाया मान…

सूरजपुर कौशलेन्द्र यादव

◾️महाराष्ट्र के पुणे में आयोजित कार्यक्रम में पद्मश्री डॉ जी पद्माजा रेड्डी के हाथो हुएं सम्मानित

सूरजपुर :- सरगुजा जिले के वरिष्ठ अधिवक्ता व आरटीआई कार्यकर्ता बतौर सामाजिक सरोकार से जुड़े मसलों पर प्रमुखता से आवाज बुलंद करने वाले अधिवक्ता डी .के.सोनी को गोलोबल एस्कोलर्स पुणे में
बीते 28 अगस्त को नोवोटेल होटल में आयोजित सम्मान समारोह में विधि रत्न बेस्ट एडवोकेट अवार्ड वर्ष 2022 से पद्मश्री डॉ जी पद्मजा रेड्डी के हाथो सम्मानित हुए हैं।इस सम्मान को प्राप्त कर अधिवक्ता डी.के.सोनी ने राष्ट्रीय पटल पर छत्तीसगढ़ राज्य व आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र सरगुजा जिले का मान बढ़ाया है।

उक्ताशय पर जानकारी सार्वजनिक होने पर उनके प्रशंसकों, सहयोगियों व वरिष्ठजनों के द्वारा सम्मानित होने पर बधाई व शुभकामनाएं प्रेषित करने के साथ ही अधिवक्ता व सामाजिक कार्यकर्ता बतौर सरगुजा संभाग जों आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र बतौर होने व व्याप्त भ्रष्टाचार के मामलों सहित स्थानीय स्तर पर पर्यावरण से जुड़े गंभीर विषय पर चर्चित कारपोरेट कंपनी के खिलाफ माननीय सुप्रीम कोर्ट में जनहित याचिका दायर कर जंगलों व विशेष अधिसूचित क्षेत्र बतौर सरगुजा संभाग में ग्राम न्यायालय व पंचायतों को अधिकार दिलाने के दिशा में मुखर आवाज बनकर अधिकारों व हितों के लिए लगातार प्रयासरत हैं।

आपको बताते चलें कि इससे पूर्व में भी अधिवक्ता डी .के.सोनी को राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कार्यरत विविध प्रतिष्ठित संस्थानों द्वारा सम्मानित किया गया है इसी कड़ी में उनको महाराष्ट्र के पुणे में गोलोबल एस्कोलर्स द्वारा देशभर से अलग अलग क्षेत्रों में कार्यरत लोगों को सम्मानित करने के लिए आवेदन मंगाया गया था, जिसमें सरगुजा जिले से उन्होंने विधी रत्न व बेस्ट एडवोकेट हेतू आवेदन जमा करने पर उत्कृष्ट कार्यों की वजह से चयन व सम्मानित हुए।

इसे भी पढ़े :  बांदे थाना अंतर्गत ग्राम निरदे में बच्ची को बलि के लिए ले जा रहे शक्श को ग्रामीणों ने पकड़ के पुलिस को सौपा।

बहरहाल इस सम्मान को प्राप्त होने के बाद चर्चा करने पर डी.के.सोनी ने प्रसन्नता जाहिर करते हुए कहा की लगातार सामाजिक परिवेश में जन सरोकार से जुड़े मसलों पर आवाज बुलंद करने में सम्मान हौसला बढ़ाते हैं, कोशिश रहेगी की तमाम जनसरोकार के मामलों पर आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र में रहने वाले आदिवासी समुदाय सहित विशेष पिछड़ी जनजाति समुदाय को मुख्यधारा से जोड़ने व दशकों पुरानी हरियाली का प्रतीक और प्रर्यावरण संरक्षण के लिए लगातार प्रयासरत रहेंगे।