नृत्य कला साहित्य ट्राइबल अकादमी का किया गया भूमिपूजन,आदिवासी संस्कृति एवं परंपरा के संरक्षण और संवर्धन का कार्य करेगी यह अकादमी- अनूप नाग

सुरज मंडावी पैरी 🖊️लहर सत्य खबर ब्यरो उतर बस्तर कांकेर:-

◾️आदिवासी समाज के साथ ही अन्य समाज के युवा भी यहां कर सकेंगे शिक्षा प्राप्त

नृत्य कला साहित्य ट्राइबल अकादमी अंतागढ़ का आज पूरे विधि विधान के साथ आदिवासी संस्कृति एवं परंपरा के अनुसार भूमि भूजन किया गया। यह अकादमी बस्तर एकेडमी ऑफ डांस आर्ट एंड लिट्रेचर (बादल) जगदलपुर के तर्ज पर कार्य करेगी। इस अकादमी के भूमि पूजन समारोह को संबोधित करते हुए विधायक अनूप नाग ने कहा कि आदिवासी संस्कृति एवं परंपरा के संरक्षण और संवर्धन के लिए यह अकादमी अपनी भूमिका निभायेगी।

आदिवासी समाज के युवाओं के साथ ही अन्य समाज के युवा भी यहां ट्राइबल संस्कृति, नृत्य, कला साहित्य का शिक्षा प्राप्त कर सकते हैं। शासन-प्रशासन द्वारा यहॉ सभी सुविधा उपलब्ध कराने का प्रयास किया जायेगा। इस अकादमी के प्रारंभ होने पर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल का आभार व्यक्त करते हुए उन्होंने कहा कि अंतागढ़ क्षेत्र के ग्राम आमाकड़ा में जब उनका प्रवास हुआ था, तब उनके द्वारा इस संबंध में आश्वासन दिये गये थे, जो आज पूरा हो गया है। आदिवासी समाज की परंपरा व संस्कृति के संरक्षण एवं संवर्धन के लिए युवाओं को आगे आने का आह्वान करते हुए उन्होंने कहा कि युवाओं के आगे आने से समाज की दिशा और दशा बदलेगी।

जिला पंचायत के अध्यक्ष हेमन्त ध्रुव ने कहा कि नृत्य कला साहित्य ट्राइबल अकादमी के भूमि पूजन से सपने साकार होने लगे है। शिक्षा से ही समाज और देश आगे बढ़ सकता है, समाज का कोई भी बच्चा शिक्षा से वंचित न रहे। इस अकादमी में युवाओं को संस्कृति की शिक्षा के साथ-साथ नैतिक शिक्षा भी प्रदान किया जावे। इस आकदमी की प्रसिद्धि पूरे विश्व में फैले, यह अकादमी आने वाले समय में इतिहास बनायेगा। गोड़वाना महासभा महिला प्रभाग के राष्ट्रीय महासचिव कांति नाग ने नृत्य कला साहित्य ट्राइबल अकादमी के भूमि पूजन होने पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा कि इससे युवाओं को नई प्ररेणा मिलेगी।

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आदिवासी संस्कृति व परंपरा के संरक्षण व संवर्धन के लिए यह अकादमी कार्य करेगी। उन्होंने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के प्रति आभार व्यक्त करते हुए कहा कि आमाकड़ा में इसकी मांग की गई थी, जो आज पूरा हो गया है।

गोड़ी धर्मगुरू शेरसिंह आंचला ने नृत्य कला साहित्य ट्राइबल अकादमी के भूमि पूजन होने पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा कि आदिवासी संरस्कृति, परंपरा, कला, साहित्य को बचाने का प्रयास किया जा रहा है, इस अकादमी में निःशुल्क सेवा के लिए वे हमेशा उपलब्ध रहेगे। युवाओं को लगनपूर्वक ईमानदारी के साथ कार्य करने तथा नशा-पान से दूर रहने की अपील उनके द्वारा किया गया। कलेक्टर डॉ. प्रियंका शुक्ला ने नृत्य कला साहित्य ट्राइबल अकादमी अंतागढ़ के भूमि पूजन पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा कि यहॉ आकर आदिवासी संस्कृति को समझने और सीखने का अवसर मिला है। युवा यदि चाहें तो वे बहुत कुछ कर सकते हैं, जो व्यक्ति अपने संस्कृति को लेकर आगे बढ़ता है, वह निरंतर प्रगति करता है। उन्होंने कहा कि यहॉ अच्छी शुरूआत हो रही है, जो भी मदद की जरूरत होगी, जिला प्रशासन द्वारा उसे पूरा करने का प्रयास किया जायेगा।

कार्यक्रम में बस्तर संभाग के बीजापुर, सुकमा, कोण्डागांव, नारायणपुर, कांकेर जिला के अनुसूचित जाति, जनजाति एवं पिछड़ा वर्ग के युवक-युवती भी उपस्थित थे, जिनके द्वारा विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किये गये। इस अवसर पर जनपद अध्यक्ष कोयलीबेड़ा देवली नुरूटी, अपर कलेक्टर अंतागढ़ चन्द्रकांत वर्मा, वनमण्डलाधिकारी पूर्व भानुप्रतापपुर वन मण्डल जाधव श्रीकृष्ण, जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी सुमीत अग्रवाल, एसडीएम अंतागढ़ के.एस पैकरा सहित मुकेश ठक्कर, अखिलेश चंदेल, परमानंद उईके, सतीश टेकाम, राजू उसेण्डी, अविनाश गनवीर, रामसिंह मरकाम, दिनेश दुग्गा, गजेन्द्र उसेण्डी, दयाराम, किशोर मरकाम, सोभराय, मंगलू तथा समाज प्रमुख, जनप्रतिनिधि एवं युवक-यवतियां भी बड़ी संख्या में मौजूद थे।