पति और पत्नी ने की बांटी बाबली स्टाइल में की 21.50लाख की ठगी,पुलिस कर रही है तलाश–

बिप्लब कुण्डू-

पखांजुर// पति पत्नी ने नौकरी लगाने ने नाम पर फिल्मी स्टाइल में ठगी कर युवाओं को अपना शिकार बनाया. आरोपियों ने जिलेभर के कई युवाओं को झांसे में लिया और 21.50 लाख की ठगी कर फरार हो गए. शिकायत के बाद पुलिस मामले की जांच में जुटी हुई है.

युवाओं को कई विभागों में नौकरी दिलाने का झांसा देकर पति पत्नी ने बंटी और बबली स्टाइल में 21.50 लाख रुपये की ठगी की और फरार हो गए. आरोपियों ने कई लोगों को फर्जी नियुक्ति प्रमाण पत्र भी दे दिया. जब वे लोग नियुक्ति प्रमाण पत्र लेकर कार्यालय पहुंचे तब उनको ठगी होने के बारे में पता लगा. पीड़ित युवाओं ने पुलिस अधीक्षक और कलेक्टर से शिकायत करते हुए आरोपियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की है. कांकेर थाने के टीआई शरद दुबे ने मामले की जांच की बात कही है.

ऐसे झांसे में लिया :
भानुप्रतापपुर निवासी भुवन भूवार्य ने बताया कि आरोपी करण पांडे अपने आप को वन विभाग का डिप्टी रेंजर बताता था. बातचीत में उसने बताया कि फारेस्ट विभाग में वाहन चालक का पद निकला हुआ है. कोई नौकरी करना चाहता है तो उसकी नौकरी वहां पर लगा सकता है. इस नौकरी के लिए 1.50 लाख रुपए देना होगा, 17 फरवरी को ज्वाइन करना होगा. यह सुनकर उसने अपने बेटे धनराज भुवार्य के नौकरी के लिए उससे बात की।
भुवन भूवार्य के बेटे का लाईसेंस बना हुआ था लेकिन उसे चारपहिया वाहन चलाना नहीं आता था, जिसके कारण वह इस नौकरी के लिए पैसा देने के मूड में नहीं था. दो दिन बाद करण पांडे ने उसे फिर से फोन किया और कहा कि इस नौकरी के लिए रेंजर साहब से बात हो गई है. 17 फरवरी में चार दिन बचे हैं, उतने दिन में चार पहिया वाहन चलाना सीखा जा सकता है. जिससे बाद पीड़ित उसके झांसे में आ गया और पहले 50 हजार फिर 1 लाख रुपये जिला मुख्यालय में कलेक्ट्रेट कार्यालय के पास दिया. पैसे लेने के बाद उसने सादे पेपर में राशि मिलने की बात लिखकर दे दी।

इसे भी पढ़े :  कलेक्टर ने किया शिशु संरक्षण माह का शुभारंभ आंगनबाड़ी केंद्र के बच्चों के साथ अपनी दोनों बेटियों को पिलाया विटामिन ए की खुराक,बच्चों के अच्छे भविष्य एवं स्वास्थ्य के लिए माता पिता हमेशा रहे जागरूक -कलेक्टर

नियुक्ति पत्र नहीं आया तब हुआ खुलासा:
17 फरवरी को जब नौकरी के लिए कोई नियुक्ति पत्र नहीं आया तो उससे संपर्क किया. इस पर आरोपी ने बताया कि 10 लोगों का पहले से ही चयन हो चुका है. आने वाले महीने में और पद निकलने वाला है, उसमें सबसे पहले आपके बेटे को प्राथमिकता दिया जाएगा. उसने बताया कि स्कूल चपरासी का 175 पद निकला है यदि उसमें नौकरी करवाना है, तो और भी लोगों को बता देना उसकी पत्नी दिलेश्वरी पांडे कलेक्ट्रेट कार्यालय कांकेर में बाबू है, जो नौकरी लगवा देगी. इसके बाद उसने अपनी बेटी कन्या कुमारी और बेटे को स्कूल चपरासी में नौकरी लगाने के नाम पर कैश 3.75 लाख रुपये दिए. बैंक खाता में 4.25 लाख रुपए कुल 8 लाख उसे दे दिया. इसके बाद ना रकम वापस मिली ना ही नौकरी, थक हारकर पीड़ित पुलिस और कलेक्ट्रेट पहुंचा और आरोपी के खिलाफ कार्रवाई की मांग की।