स्कूल में गंदी हरकत करता था टीचर:छात्राएं बोलीं-सर हमारा हाथ जबरदस्ती पकड़ते हैं, जांच के बाद हिरासत में शिक्षक

सूरजपुर कौशलेन्द्र यादव

सूरजपुर :- गुरु, शिष्य के पवित्र रिश्ते को कलंकित करने का मामला सामने आया है।नगर के एक निजी स्कूल के प्राचार्य पर दो छात्राओं ने छेड़छाड का आरोप लगाया है और शनिवार को इस मामले को लेकर कोतवाली में घण्टो हंगामा होता रहा।यहां तक कि पीड़ित छात्राओं की परिजन महिलाओं ने स्कूल के संचालक की पिटाई भी कर दी।

हालांकि बाद में पुलिस के शिकायत दर्ज कर लेने पर मामला शांत हुआ।बताया गया है कि नगर के महुआ पारा में हीरा मेमोरियल पब्लिक स्कूल के प्राचार्य कमलेश प्रसाद कुर्रे पर तुरियापारा व बड़कपारा की कक्षा 5 वीं व 7 वीं की छात्राओं ने एक सप्ताह से छेड़छाड़ करने का आरोप लगाया है।बताते है कि आज जब हदे पार हो गई तो पीड़ित छात्राओं ने इसकी जानकारी परिजनों को दी और परिजन पुलिस की शरण मे पहुँच गए।

पुलिस जब तक कोई कार्रवाई करती तब तक स्कूल के संचालक जयप्रकाश साहू मामले को सुलटाने में लग गए और पीड़ित छात्राओं के परिजनों को पुलिस में शिकायत न करने धमकाने लगे।इसी बीच जयप्रकाश साहू थाने भी जा पहुँचे जहाँ बातचीत के दौरान कुछ आएं बांये बोलने की बात पर महिलाएँ भड़क गई और फिर क्या स्कूल संचालक की चप्पलों से जमकर ख़ातिरदारी कर दी।

इसे लेकर काफी देर तक कोतवाली में घण्टो जमकर हंगामा होता रहा।बाद में पुलिस के हस्तक्षेप से मामला शांत हुआ।उधर पुलिस ने आरोपी शिक्षक पर जुर्म दर्ज कर हिरासत में ले लिया है। गौरतलब है कि गत वर्ष भी उक्त शिक्षक पर एक बच्चे के साथ मारपीट करने का आरोप लगा था तब भी इसकी शिकायत थाने में दर्ज कराई गई थी लेकिन पुलिस ने मामले को संज्ञान में नही लिया तो इस बार शिक्षा के मंदिर को ही कलंकित करने का मामला सामने आ गया।

इसे भी पढ़े :  साहू समाज ने सदा मुझे और श्याम भैया को प्रेम संरक्षण और स्नेह दिया है:-अमितेश शुक्ल

◾️आँख मूंदकर दे रहा निजी स्कूलों को मान्यता

शिक्षा विभाग द्वारा बिना मापदंडों को पूरा किये ही प्रायवेट स्कूलों को धड़ल्ले से मान्यता दी जा रही हैं। शासन द्वारा निजी स्कूलों को मान्यता देने के अनिवार्य मापदंड तय किये गये हैं, जिसमें प्रमुखतःअपना स्वयं का भवन, शुद्ध पेयजल की व्यवस्था शौचालय, खेल मैदान, पुस्तकालय, प्रशिक्षित शैक्षणिक स्टॉफ,स्कूल तक पहुंच मार्ग, बच्चों की सुरक्षा की पर्याप्त व्यवस्था , किसी भी सरकारी स्कूल से कम से कम एक किलोमीटर की दूरी आदि हैं। कोई भी नियमों का पालन नहीं किया जा रहा है।जिस पर जांच की जरूरत है।साथ ही ऐसी घटनाओं को रोकने मुकम्मल कार्रवाई की भी जरूरत है।