आवारा पशुओं का सड़क में विचरण गौठान की अव्यवस्थाओं को कर रहीं बया लाखों के खर्च के बावजूद अव्यवस्था बना चिंता का कारण


नंदिनी मानिकपुरी भानुप्रतापपुर

भानुप्रतापपुर। सड़कों में लावारिस घुम रहें मवेशी को देखकर गोठान की अव्यवस्थाओं का अंदाजा लगाया जा सकता है। गोठान पर सरकार द्वारा लाखों रुपए खर्च करने के बावजूद नगर में लावारिस पशुओं का विचरण चिंता का विषय है। स्थिति को देखते हुए छग सरकार की गौधन न्याय योजना असफल नजर आ रही है जहां इस योजना को सफल बनाने गोठान की व्यवस्था की गई ताकि मवेशी लवारिस न भटके जिन्हें यहां मुफ्त चारा देकर गोबर का इस्तेमाल कर अर्थव्यवस्था मजबूत करने में किया जा सके।

लेकिन नगर में अक्सर मवेशी का सड़कों पर देखा जाना बड़ी घटनाओं का करण बन सकती है समय रहते इस पर उचित उपाय की जरूरत है। छत्तीसगढ़ सरकार की ग्रामीण अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने स्वच्छ गांव को सुनिश्चित करने व आवारा पशुओं की समस्या को हल करने के लिए गाय के गोबर खरीदने की योजना की शुरुआत में सफलता तो मिली लेकिन चीजें योजना अनुसार नहीं हो पाई। 2020 में छत्तीसगढ़ सरकार ने यह योजना लांच की थी जहां डेढ़ रुपए प्रति किलो की दर से गोबर खरीद के लिए गोधन न्याय योजना शुरू की।

इस तरह यह गांव के आय का सोर्स बन गया।गोबर का इस्तेमाल सरकार कई प्रोडक्ट के लिए करती है गोबर को वार्मिंग कम्पोज कर बनाया जाता है यह एक वर्टी लाइजर है जो खाद के तौर पर भूमि को उपजाऊ करती है इसके अलावा बायोगैस व गोबर को वर्म कर मेथेन गैस से बिजली पैदा किया जाता है। सरकार छग में लगभग 8 हजार गौठान संचालित करती है जो 2 रूपए प्रति किलो में गोबर खरीदा जाता है।

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गौठान का कामकाज स्थानीय रूप से होता है जहां गांव में पंचायत देखती है वही शहरों में नगर परिषद समिति द्वारा योजना चलाई जा रही है जहां पदाधिकारियों की नियुक्ति कर कार्य किया जाता है जिनको योजना का लाभ लेना हो वें रजिस्टर्ड कर गोबर खरीदी का लाभ लेते हैं इसके तहत मवेशी मालिकों द्वारा इन गौठान में दिनभर मवेशी को भेजा जाता है जहां मुफ्त चारा की व्यवस्था होती है गोबर को यहीं से खरीद मवेशी मालिकों को पैसा दिया जाता है।

रात में मवेशी मालिक अपने मवेशी को घर ले जाते हैं। लेकिन नगर में स्थिति को देखते हुए यह योजना स्थानीय पदाधिकारियों की लापरवाही बयां कर रही जो योजना स्थानीय तौर पे दम तोड़ती नजर आ रही योजना का उद्देश्य जहां स्वच्छता, आवारा पशुओं की समस्या का हल व मजबूत अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देना था वहीं नगर में आवारा पशुओं का नजर आना योजना पर कई सवाल उठा रही।

इस समस्या पर नगर पंचायत अध्यक्ष सुनील बबला पाढ़ी का कहना है कि गौठान महिला समूह द्वारा संचालित की जा रही आवारा पशुओं को लेकर मवेशी मालिकों को निर्देश दिए गए हैं साथ ही जुर्माना भी लगाया जाता है इसके बाद भी नहीं माने तो हफ्ते 15 दिनों में लावारिस मवेशी को दूसरे गौठान में भेजा जाता है। समस्या के उचित उपाय पर नगर पंचायत अध्यक्ष का कहना है कि यहां लोगों में जागरूकता लाने की जरूरत है हम अपने तरीके से यह काम करेगें।