गरियाबंद ज़िले के छुरा ब्लॉक खड़मा धान खरीदी केंद्र में प्रति बोरी आधा किलो अधिक लेकर अन्नदाताओं लगाया जा रहा है चुना

जिम्मेदार अधिकारी नहीं कर रहे है निरीक्षण प्रबंधक को मिली खुली छूट,

डिजिटल इलेक्ट्रानिक कांटा में निर्धारित वजन से अधिक धान तोलने का चल रहा है खुला खेल

गरियाबंद।शासन द्वारा किसानों के एक एक दाने को खरीदने और उचित मूल्य में देने तरह तरह के जतन कर रहे है।लेकिन धान खरीदी केंद्रों में जिम्मेदार समिति प्रबंधकों द्वारा किसानों को चुना लगाने का खेल खेला जा रहा है।

जंहा किसानों के धान को निर्धारित तौल से ज्यादा तौल कर अन्नदाताओं को नुकसान करने के साथ साथ जिम्मेदार अपनी जेब भरने के प्रयास में लगा है।

अपने कारनामे को लेकर हमेशा से ही सुर्खियों में रहना वाला गरियाबंद जिले के छुरा ब्लॉक का धान खरीदी केंद्र खड़मा का कारनामा फिर सामने आया है। इस धान खरीदी केंद्र में किसानों के खून पसीने की उपज पर लूट मच गया है प्रति बोरी निर्धारित मात्रा 40 किलो की जगह 41 किलो तौल कर अन्नदाताओं का नुक़सान किया जा रहा है इस खेल को समझें के लिए दैनिक लेखवीर द्वारा नए और पुराना खाली बोरी का वजन कराया गया।जिसमे नए खाली बोरी का वजन 540 ग्राम और पुराने खाली बोरी का वजन महज 450 ग्राम था। लेकिन समिति द्वारा बोरी का एक किलो वजन किया जा रहा है।इस लिहाज से किसानों को प्रत्येक कांटे में 500 ग्राम का नुकसान हो रहा मॉनिटरिंग के अभाव में किसानों को खुलेआम लूटने का काम धान खरीदी केंद्र खड़मा में जोरों से चल रहा है।

◾️हमेशा से ही विवादित रहा है खडमा धान खरीदी केंद्र

आपको बता दे की शासन द्वारा किसानों के एक एक दानों को उचित दाम पर खरीदने हरसंभव प्रयास कर रहे है।जिसके लिए धान खरीदी केंद्र में किसानों की सुविधा के अनुसार स्थापित किए है। धान खरीदी केंद्र खड़मा हमेशा से ही इस तरह के मामले को लेकर सुर्खियों में रहा है। जंहा इस धान खरीदी केंद्र में अनेक लापरवाहियों के साथ साथ किसानों को लूटने और शासन को चुना लगाने का काम हमेशा हुआ है।जिसमे कुछ दिनों पहले समिति प्रबंधक को जेल की हवा भी खाना पड़ा है।इसके बावजूद भी इन लापारवाहो को किसी भी कानून का खौफ नहीं।

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◾️अधिकारी नही कर रहे मॉनिटरिंग

धान खरीदी केंद्रों में उचित व्यवस्था और देखरेख के लिए शासन प्रशासन द्वारा अपने अधिकारियों को मॉनिटरिंग के लिए नियुक्त किए है।लेकिन खड़मा के लिए नियुक्त नोडल अधिकारी धान खरीदी केंद्र प्रारंभ होने के इतने दिन गुजरने के बाद भी एक बार यन्हा झांकने तक नही पहुंचा है। नोडल अधिकारी केवल कागजों में रिपोर्ट शासन को भेजने में लगा है। वही सूचना बोर्ड में किसी भी जिम्मेदार अधिकारीयो नंबर नही लिखा गया है।जिसके कारण नोडल अधिकारी से संपर्क नही हो पाया।

जब इस मामले को लेकर समिति प्रबंधक तिलक राम पटेल का पक्ष जानने संपर्क किया गया तो उन्होंने गोल मोल जवाब दिया और मीटिंग में होने की बात कही।