कांकेर:-ऑल इण्डिया किसान खेत मजदूर संगठन ने पखांजूर एसडीएम के हाथों बेमौसम बारिश ,ओलावृष्टि से हुई क्षति साथ फसलों की लागत से लाभ जनक मुआवजा की मांग पर ज्ञापन सौंपा है।

सूरज मंडावी ब्यूरो सत्य खबर

कांकेर:-बेमौसम बारिश ,ओलावृष्टि से किसानों एवं आम परिवारों की मकान घरों की मरम्मत करने लायक राशि के साथ-साथ फसलों की लागत मूल्य से लाभ जनक मुआवजा के मांग पर ऑल इण्डिया किसान खेत मजदूर संगठन ने राष्ट्रपति ,प्रधानमंत्री, राज्यपाल ,मुख्यमंत्री, कृषि मंत्री आदि के नाम अनुभवी अधिकारी रा.पखांजूर धनन्जय नेताम के हाथों ज्ञापन सौंपा ।

ऑल इण्डिया किसान खेत मजदूर संगठन की ब्लॉक अध्यक्ष आजित मिस्त्री ने ओलावृष्टि से क्षतिग्रस्तों की घरों की मुआवजे की चेक की अंकित राशि देखकर अत्यंत दुःखी हुएं और उन्होंने कहां है कि हजारों हेक्टेयर जमीन की फसलें ओले, बारिश और आंधियां से घरों में तांडव मचाई है।क्षतिग्रस्तों के पीछे रह गई घरों की टुटे-फुंटे छावनी और बंजर जमीन, जिसे देख कर अपने नसीब को कोसने के सिवाये और पीड़ितों के हाथों में दुजा कोई चारा ही नहीं है ।

क्योंकि किसानों की तजुर्बा और शासन – प्रशासन ने पीड़ित क्षेत्रों की खुब सैर सपाटे की लुफ्त उठकने के बाद ।भ्रमण दरमियान बड़ी – बड़ी हमदर्दों की वास्तविकता की पोल खुल गई है। ओलावृष्टि की ताण्डव लिला को देखकर मनोरंजन की लुफ्त उठाने के पश्चात शासन-प्रशासन द्वारा मुआवजे के नाम पर इन्सानियत पर अनेक सवाले खड़े करने की कारनामा सामने आया है। PWD की मरम्मत में लगाने वाले एक टीन सीट की खर्चा भी क्षतिग्रस्तों के हाथों में नहीं दिया है ।इतनी कम अंकित राशि घरों की मुआवजा की चेक में वाटी गई है।जिस किसान की घर की छत की साया छिन गये है।उन क्षतिग्रस्तों के हाथों में चेक में अंकित राशि को वे खुद बताने शर्म कर रहे है।

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सरकार की यह हमदर्दी मुआबजे के नाम पर पीड़ितों के साथ भद्दा मजाक है।शासन -प्रशासन ने क्षतिग्रस्तों की स्वभिमान को ठेस लगाया है ।जब – जब सरकार को जिम्मेदारी निभानी समय आती है ।वे तब -तब जनता के लिए उट के मूंह में जीरा जैसी मुआवजे देकर और ज्यादा दुःख पहुंचने की रिकॉर्ड की इतिहास रचते है।क्षतिग्रस्त घरों की सर्वे करने के बाद छतिग्रस्त घरों की किस बिंदु को आधार मानकर मुआवजे दिये है ।

वह विचार करने की पैमाना वर्तमान समय के लिए गलत है।उसे तत्काल बदलकर वर्तमान बाजार दर मानकर क्षतिग्रस्तों को वाटें गये चेक की राशि में बृद्धि किया जाए।कोषाध्यक्ष अनिमेष विस्वास ने कहां कि ओलावृष्टि में पीड़ितों घरों की सर्वे कि एक प्रति प्रत्येक किसानों को एवं किसान संगठन को प्रदाय किया जाय।मुआवजे की राशि बृद्धि एवं घरों की छत की भरपाई करने लायक क्षतिपूर्ति राशि दिया जाए अथवा सरकार ,शासन -प्रशासन घरों की मरम्मत कर निवास गृह पुर्व के छत की छावनी देखकर उसी आनुरुप निर्माण करने कि व्यवस्था कर दिया जाए।

अन्यथा संगठन एवं ओलावृष्टि से पीड़ितों द्वारा रुद्र आन्दोलन करने मजबूर होंगे जिसकी जबाबदेही सरकार ,शासन प्रशासन होंगे।उपाध्यक्ष दिलीप विस्वास ने आपिल किया कि किसानों की नुकसान के आंकलन फसल की लागत मूल्य का दोगुना राशि मुआवजे की धन राशि तय करके ही क्षतिग्रस्तों को भुगतान किया जाये ।संगठन ने मांग किया है कि आन्नदात किसान अगली फसल उत्पादन करने की खाद,बीज,कीटनाशक, कृषि यंत्र की पर्याप्त व्यवस्था सरकार को करनी होगी।किसान परिवारों की जीवीका उपार्जन हेतु। आय की श्रोत का विक्लप क्षेत्रों की लोगों के लिए साल भर रोजगार की गारंटी करनी होगी। ओलावृष्टि से क्षतिग्रस्तों की शासन द्वारा सर्वे कियें गये क्षति की आकलन की कागज की प्रति क्षतिग्रस्तों प्रत्येक किसानों को प्रदाय किया जाए।ओलावृष्टि से क्षतिग्रस्त किसानों की कर्ज माफ किया जाए।कृषि विभाग द्वारा क्षतिग्रस्तों की फसलो की सर्वे कराई जाए।केवल पट्टे की खेतों की ही नहीं बिना पट्टे की खेतों की भी फसलों का सत्यापन हो जिसमें फसल बोया गया है उस खेतों की भी सर्वे कर मुआवजा प्रदाय किया जाए।

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