वर्चुअल रासायनिक लघु प्रशिक्षण कार्यशाला का आयोजन सम्पन्न

सूरजपुर । शासकीय नवीन कन्या महाविद्यालय एवं शासकीय रेवती रमण मिश्र स्नातकोत्तर महाविद्यालय सूरजपुर तथा सिद्दाचलम प्रयोशाला द्वारा दो दिवसीय रासायनिक लघु प्रशिक्षण कार्यशाला का वर्चुअल आयोजन किया गया। जिसमें कॉरपोरेट रिजनल सपोर्ट एवं जिला प्रशासन का बहुमुल्य सहयोग रहा।

वर्चुवल बेवीनार का आयोजन प्रमुख डॉ. सुनिता सिंह सॉवरिया, शासकीय नवीन कन्या महाविद्यालय आयोजन सचिव प्रो. प्रतिभा कश्यप, संयुक्त सचिव डॉ. विकेश झा विभाग प्रमुख रसायन शासकीय रेवतीरमण मिश्र महाविद्यालय सूरजपुर के अथक प्रयासो से वर्चुवल बेवीनार संभव हो सका। बेवीनार के प्रथम दिवस का संचालन शास. रेवतीरमण महा. की छात्रा निशी केसरी द्वारा किया गया।

शास. नवीन कन्या महाविद्यालय एवं शास. रेवती रमण मिश्र महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. एस.एस. अग्रवाल के उद्बोधनों से वर्चुवल बेबीनार का आरंभ हुआ। उन्होंने इस बेवीनार को छात्र, छात्राओं एवं समाज के लिये लाभदायक बताया। दो दिवसीय कार्यशाला के प्रथम दिवस पर मुख्य स्पीकर के रूप में डॉ. अजय कुमार सिंह, व्हीवाईटी स्नातकोत्तर महाविद्यालय दुर्ग, डॉ. उपमा श्रीवास्तव भिलाई तथा सिद्दाचलम प्रयोगशाला रायपुर से डॉ. भावना जैन ने विशाल ज्ञान को विस्तृत कर छात्र को अनेक नये विषयों से परिचित कराया।


सर्वप्रथम डॉ. ए.के. सिंह ने नैनोटेक्नालजी के विषय पर व्याख्यान देकर नैनोपार्टिकल बनाने की विधि बताई। इसके पश्चात डॉ. उपमा श्रीवास्तव ने जल की शुद्धता संरक्षण एवं जल प्रदुषण के कारणों एवं रोकथाम पर विस्तृत चर्चा की तथा अपशिष्ट जल प्रबंधन के बारे में बताया। सिद्दाचलम प्रयोगशाला से जुड़ी डॉ. भावना जैन ने नैनोपार्टिकल बनाने की विधि को डीमांसट्रेशन करके दिखाया। विभिन्न उपकरणों जैसे यूव्ही विजिवल स्पेक्ट्रोमीटर, पीएच मीटर, मैग्नेटिक स्टीरर के बारे में ज्ञान प्रदान किया। इसके पश्चात डॉ. विकेश झा द्वारा आज के कार्यक्रम का निष्कर्ष प्रस्ततु किया गया तथा आयोजन सचिव प्रो. प्रतिभा कश्यप ने सभी का आभार व्यक्त किया तथा बेवीनार की आयोजिका डॉ. सुनिता सिंह की सक्रियता की प्रशंसा की।

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कार्यशाला के दूसरे दिवस पर सांईस कालेज रायपुर की डॉ. अंजु झा ने एसिड और बेसिक रेडिकल के बारे में चर्चा की तथा लैब में इनआर्गेनिक रेडिकल ग्रुप का टेस्ट करके बताया। कई रेडिकल के कनफरमेटिव टेस्ट भी करके बताया। डॉ. भावना जैन ने सर्वप्रथम छात्र, छात्राओं को नैनोमीटर तथा उसके महत्व पर प्रकाश डाला। शक्कर के प्रयोग द्वारा नैनोमीटर इकाई को समझाया।

सभी छात्र, छात्राओं को लैब का ऑनलाईन भ्रमण कराया तथा लैब के कई उपकरणों का उपयोग तथा महत्व बहुत ही सरल भाषा में समझाया। जल प्रदुषण से संबंधित प्रयोग करके दिखाया जल की शुद्धता एवं पीएच का मान प्रयोगों से प्रदर्शित किया। कार्यशाला के अंत में आयोजिका डॉ. सुनिता सिंह ने डॉ. एस. एस. अग्रवाल की तथा सभी अथिति वक्ता, सिद्दाचलम लैब, जिला प्रशासन एवं रिजनल कॉरपोरेट तथा कार्यशाला से जुड़े सभी सहयोगियों को धन्यवाद दिया तथा इस कार्यशाला को महाविद्यालय के शैक्षणिक विकास में मील का पत्थर बताया।