पीडब्लूडी के अधिकारी दे रहे चहेते ठेकेदारों को ही टेंडर फार्म,

अनुज कुमार ब्यूरोचीफ कोण्डागांव सत्यख़बर

■ अधिकारियों पर रकम ले कुछ ठेकेदारों से सेटिंग का लग रहा आरोप

■ बिना कारण बताए पहले भी 3 दफे किया जा चुका है टेंडर केंसल,पटरी भराई के कार्य का

कोण्डागाँव–लोकनिर्माण विभाग के अंतर्गत कराए जाने वाले कार्यों में अब काम प्रारम्भ होने से पहले ही उंगलिया उठने लगी है, लोक निर्माण विभाग अपने चहेतों को उपकृत करने के लिए निविदा फार्म जारी कर दिया। वहीं पात्र बेरोजगारों से आवेदन शुल्क लेने के बाद भी न तो फार्म दिया गया और न ही मनी रसीद दी जा रही है। बेरोजगारों का कहना है कि ऐसा करने से शासन को लाखों रुपये का नुकसान हो रहा है। कोण्डागांव पीडब्ल्यूडी की ओर से विभिन्न् निर्माण कार्यों के लिए बेरोजगारों से 20जनवरी 2021 तक निविदा फार्म लेना था।

विभाग के अधिकारियों की ओर से तय समय पर आवेदन के लिए शुल्क तो लिया गया। जब आवेदन देने की बारी आई तो कार्यपालन अभियंता हरचंद दौड़के ने कुछ बेरोजगारों को यह कहते हुए आवेदन नहीं दिया कि अंतिम तिथि निकल गई है। जबकि अपने चेहेतों को रेवड़ी की तरह काम बांट दिया है। इससे वंचित बेरोजगारों ने जब जिम्मेदार अधिकारियों से संपर्क किया तो उनका कहना था कि तिथि निकलने के बाद आवेदन फार्म नहीं मिलेगा। साथ ही बेरोजगारों को मनी रसीद भी नहीं दी जा रही है। एक फार्म के लिए विभाग की ओर से 750 रुपये लिए गए हैं।

बीते 20 जनवरी को मिट्टी कार्य मे पटरी भराई का ए.आर.टेंडर फार्म लेने का अंतिम तारीख था वहीं फार्म लेने पहुंचे ठेकेदारों को फार्म न दे विभाग कुछ चुनिन्दा ठेकेदारों को ही फार्म देने से पीडब्ल्यूडी में पंजीकृत ठेकेदारों में भारी रोष नजर आया।

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वहीँ कुछ ठेकेदारों को ही फार्म देने से अन्य ठेकेदार अधिकारियों व बाबूओं पर भारी लेंन देन कर सेटिंग कर फार्म देने की बात कर रहे है। टेंडर से वंचित ठेकेदारों का कहना है कि आवेदन तय तिथि के अनुसार ही जमा किया गया था। लेकिन लोक निर्माण विभाग के कर्मचारियों ने दूसरे दिन मनी रसीद देने की बात कहते हुए टाल दिया गया। उनका आरोप है कि इस पूरे मामले में लोक निर्माण विभाग कोण्डागांव के जिम्मेदार अधिकारियों की कार्यप्रणाली पर प्रश्न चिन्ह लग रहा है।

निविदा फार्म जमा नहीं होने से शासन को ही लाखों रुपये का नुकसान होगा। गौरतलब है कि लोक निर्माण विभाग की ओर से पट्टी मरम्मत के लगभग 18 निर्माण कार्यों के लिए टेंडर जारी किया गया था।

–तीन बार किया जा चुका है निरस्त उक्त कार्य के टेंडर का–

ज्ञात हो कि उक्त मिट्टी का कार्य 4.5 करोड़ का है जिसमें  पहले 2-2करोड़ के तीन टेंडर जारी किए गए थे वही दूसरी बार 50-50 लाख के 9  निविदा आमंत्रित की गई जिसे बगैर किसी कारणवश टेंडर कैंसल कर तीसरी बार 50-50 लाख पुनः 9 टेंडर जारी कर दिया गया जिसके बाद 25-25 लाख के 18 टेंडर जारी किए गए थे, जिसकी निविदा फार्म 20 जनवरी तक जमा होना था लेकिन लेकिन कुछ ठेकेदारों को छोड़ अन्य ठेकेदारों को फार्म ही नही दिया गया, ज्ञात हो कि उक्त कार्य केवल मिट्टी मरम्मत (पटरी भराई) का है।जिसमे अधिकारियों पर उक्त कार्य के लिए भारी लेनदेन की बात की जा रही है।


मामले पर जब कार्यपालन अभियंता एच सी दोड़के से दुरभाष से जानकारी लेने हेतु उनके मोबाईल न.08458846232 बात करने की कोशिश की गई लेकिन उन्होंने फोन रिसीव नही किया,वहीं विभाग के संबंधित बाबू शाखा प्रभारी द्वारा गोलमोल जवाब देते कहा कि उक्त मामले पर जो जानकारी देना है ई. साहब ही देंगे।

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वही 3बार बगैर किसी कारण के टेंडर निरस्त करने व अब 4थी बार के टेण्डर में अपने कुछ चहेते ठेकेदारों को ही फार्म देने से उक्त कार्य मे बड़ी राशि के लेनदेन से इनकार नही किया जा सकता।