दिल से नमन ,,, देश भक्ति का ऐसा जज्बा ,,, खेतिहर मजदुर रतीराम 21वर्षो से खेत मे करते आ रहे है ध्वजारोहण

देवेंद्र सिंह राजपूत

स्वतंत्रता दिवस और गणतंत्र दिवस की तैयारी मे एक सप्ताह से लगे रहता है, प्रतिदिन सुबह और शाम भारत माता एवं महापुरूषो की छायाचित्र की करता है पूजा अर्चना

राष्ट्रपिता महात्मा गांधी जब छत्तीसगढ़ के कुण्डेल पहुंचे थे तब रतीराम के पिता कचरूराम गांधी से प्रभावित होकर स्वतंत्रता आंदोलन मे कूद पड़े

रतीराम ने बताया उनके पिता से उन्हे विरासत मे मिला है देशभक्ति का जज्बा, दो दशक पूर्व ध्वजारोहण करने उफनते सोंढुर नदी मे लगा दिया था छलांग

मैनपुर – सभी देशवासियों के लिए 15 अगस्त स्वतंत्रता दिवस और 26 जनवरी गणतंत्र दिवस काफी खुशी का दिन रहता है, और इस दिन जंहा एक ओर शासकीय स्तर पर बडे बडे कार्यक्रमो का आयोजन किये जाते है, वही दुसरी ओर हम एक ऐसे व्यक्ति के बारे में बताने जा रहे है जिसके रोम रोम में देशभक्ति का ऐसा जज्बा देखने को मिलता है, कि यह गरीब मजदुर खेत मे निर्माण किये गये अपने कुटिया के सामने पिछले 21 वर्षो से 15 अगस्त स्वतंत्रता दिवस और 26 जनवरी गणतंत्र दिवस के दिन के ध्वजारोहण कर मिठाई का वितरण करता है, और उन्हे सालभर स्वतंत्रता दिवस और गणतंत्र दिवस पर्व की बेसब्री से इंतजार रहता है, मैनपुर निवासी रतिराम जिसकी उम्र लगभग 85 वर्ष के आसपास है और स्वंय दुसरे के घर मेहनत मजदूरी करता है, साथ ही खेत में बने झोपडी मे रहता है, रतिराम को 15 अगस्त और 26 जनवरी मे एक सप्ताह पहले से तैयारी करते देखा जा सकता है, जंहा पर ध्वजारोहण करना है उस जगह की साफ -सफाई के साथ अपने क्षमता अनुसार मिठाई का वितरण करने के लिए लगातार प्रयास करता है।

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आज चर्चा करते हुए 85 वर्षीय रतिराम यादव ने बताया कि बचपन में माता पिता से उन्होने देश की आजादी व लडाई के बारे में सुना था मुलतः नगरी सिहावा क्षेत्र के ग्राम भोथली का रहने वाले इस व्यक्ति का कहना है उनका पुरा जीवन मैनपुर में ही बीत गया वह मैनपुर के वरिष्ठ किसान शेख फखरूद्दीन के खेतो मे बचपन से काम करते आ रहा है लेकिन अब वह काफी बुजुर्ग हो गया है कामकाज नही कर पाता तो उन्हे मैनपुर के वरिष्ठ कृषक शेख फखरूद्दीन अपने खेत मे पक्का आवास बनाकर परिवार के सदस्य की तरह रखे है कोई मेहनत मजदुरी अब नही करते लेकिन उन्हे तीनो समय भोजन के साथ परिवार जैसे रखे है, उन्होने बताया उनके पिता कचरूराम यादव जो मुलतः भोथली का रहने वाला है।

उन्होने बताया देश के राष्ट्रपिता महात्मा गांधी धमतरी जिले के कण्डेल नहर सत्याग्रह मे शामिल होने जब पहुंचे थे तो उनके पिता कचरूराम महात्मा गांधी से मिलने कण्डेल गये थे और महात्मा गांधी से काफी प्रभावित हुए थे तथा आजादी के जंग मे उनके पिता ने हिस्सा लिया था उनके पिता माता, भाई, बहन अब कोई इस दुनिया मे नही है लेकिन देशभक्ति का जज्बा उन्हे उनके पिता से मिला है।

उम्र के अंतिम पड़ाव मे पहुंच चुके रतीराम ने बताया इस देश को बहुत कुर्बानियो के बाद और हमारे महान बड़े -बड़े नेताओ के बलिदानो के बाद आजादी मिली है इसलिए हम सभी भारतवासियो का सबसे बड़ा पर्व 15 अगस्त और 26 जनवरी है इसलिए प्रतिवर्ष वह खेत मे सुबह ध्वजारोहण करते है और मिठाई बाटते है। आसपास के लोगो को आमंत्रित भी करते है मैनपुर नगर से भी उनके ध्वजारोहण कार्यक्रम मे शामिल होने युवा लोग पहुंचते है। उन्होने कहा मै कोई नया काम नही कर रहा हूॅ यह हम सभी की जिम्मेदारी इस तिरंगा झंडा को ऊंचा रखने के लिए लाखो लोगो ने कुर्बानी दी है।

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15 अगस्त मे ध्वजारोहण करने जब उफनते नदी मे छलांग लगा दिया

रतीराम ने बताया वह हमेशा मैनपुर से रायपुर, धमतरी, नगरी सायकल से आना जाना करते थे लगभग 20 -25 वर्ष पहले जब सोंढुर नदी मे पुल नही बना था तब भारी बारिश हो रही थी और 15 अगस्त मे ध्वजारोहण करने के लिए उन्हे मैनपुर आना था तब उन्होने उफनते सोंढुर नदी मे छलांग लगा दिया और काफी दुर मे बहते हुए तट मे सुरक्षित पहुंचा था रातभर पैदल चलने के बाद 15 अगस्त को सुबह खेत मे ध्वजारोहण किया था।

प्रदेश देश दुनिया की खबरो के बारे मे रतीरात को रहता है हमेशा जानकारी

रतीराम काफी बुजुर्ग होने के कारण अब खेत मे बने मकान मे ही रहता है उनके लिए रेडियो और मोबाइल की भी व्यवस्था है और हमेशा रेडियो के माध्यम से वह प्रदेश, देश दुनिया की खबरो को सुनता है और जो भी उनके पास पहुंचता है उससे वे राजनीतिक, सामाजिक मुद्दो पर चर्चा करता है हालंकि रतीराम पढ़ा लिखा नही है लेकिन रेडियो के माध्यम से उन्हे सभी खबरो की जानकारी रहती है।

प्रदेश के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से मुलाकात की है इच्छा

रतीराम को उनके ख्वाहिश पुछने पर वह बताते है कि प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी से उन्होने दो बार मुलाकात किया है और हाथ भी मिलाया है तथा छत्तीसगढ़ के वर्तमान मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से मिलने की इच्छा जाहिर करते है फिर कहते है अब काफी बुढ़ा हो गया हूॅ कैसे मुख्यमंत्री से मिलने रायपुर तक जाउंगा।