समाजसेवी गौरीशंकर ने सिद्ध किया…. मानवसेवा ही सबसे बड़ा सेवा…. दर्द से कराह रहे बुजुर्ग को मेकाहारा तक पहुंचाकर इलाज करवाकर दिलवाया राहत…

गरियाबंद रविकांत तिवारी संभाग ब्यूरो चीफ

देवभोग… कहते है कि मानव सेवा ही ईश्वर की सेवा है… व्यक्ति यदि जरूरतमंद इंसान की मदद कर उसे राहत पहुंचा दे तो वह इंसानियत का सबसे बड़ा धर्म निभा देता है.. और समाज के बीच मानवता की सेवा को लेकर अलग संदेश दे जाता है.. जी हां आज हम आपको देवभोग के एक समाजसेवी गौरीशंकर कश्यप के द्वारा किये गए मानव सेवा के एक पुण्य कार्य से अवगत करवाने जा रहे है, जिसे सुनकर हर कोई गौरीशंकर की तारीफ करते नहीं थकेगा.. गौरीशंकर ने एक ऐसे असहाय बुजुर्ग की मदद की है, जो हजारों किलोमीटर का सफर ट्राई साइकिल में तय कर ओड़िसा सीमा से लगा हुआ देवभोग ब्लॉक तक पहुंच गया था…और मदद के लिए आस लगाए बैठा था…

कलकत्ता से करीब 110 किलोमीटर की दुरी पर रहने वाले अशोक नशकुर का दो वर्ष पहले रेल में दुर्घटना घट गया था.. वहीं दुर्घटना में अशोक के बाएं पैर में मामूली चोट आया था … उस दौरान उन्हें जो जरूरी इलाज मिलना था, वो मिल ना सका.. समय पर उचित इलाज ना मिलना और लगातार बुजुर्ग अशोक का ट्राई साइकिल से हजारों किलोमीटर की दुरी तय करने से घाव नासूर हो गया..दो साल से उचित इलाज नहीं मिलने पर बुजुर्ग अशोक का घाव इतना नासूर हो गया कि उसका बाया पैर सड़ने लगा था और उसमें कीड़े लग गए थे.. इस बीच वह चार दिन पहले देवभोग के बीएचएन स्कूल के सामने दर्द से कराह रहा था …सैकड़ो राहगीर वहां से गुजरे लेकिन किसी ने मदद के लिए हाथ आगे नहीं बढ़ाया..इसी बीच वहाँ से समाजसेवी गौरीशंकर गुजर रहे थे.. गौरी अपने दोस्त के जन्मदिन के पार्टी में शामिल होने जा रहे थे… तभी बुजुर्ग के कराहने की आवाज गौरी के कानों तक पहुंची.. ऐसे में गौरी सीधे बुजुर्ग के सामने पहुँचे और उन्होंने बुजुर्ग के लिए मदद का हाथ आगे बढ़ाया… गौरी ने बिना देर किये संजीवनी वाहन को फ़ोन किया…

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इसके बाद संजीवनी वाहन उसे लेकर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र देवभोग पहुंची.. जहाँ डॉक्टरों की टीम ने बुजुर्ग की हालत को देखते हुए उसे रायपुर रेफर करने की बात कही..इस दौरान संजीवनी वाहन के कर्मचारियों ने बिना अटेंडर के नहीं ले जाने की बात कही.. इस दौरान समाजसेवी गौरी ने बिना कुछ सोचे समझे अटेंडर बनकर रायपुर जाने पर हामी भर दिया… और गौरी बुजुर्ग अशोक को लेकर रायपुर के लिए रवाना हो गए… यहां बताना लाजमी होगा की अशोक का घाव इतना नासूर हो चूका था कि वह सड़ना शुरू हो गया था.. और उसमें पूरा मवाद भी भर गया था..ऐसे में जिस तरह समाजसेवी ने मानवता के लिए एक बड़ा कदम उठाकर एक बुजुर्ग को नया जीवन दिया.. उसकी हर जगह तारीफ हो रही है…

स्वास्थ्य मंत्री ने तत्काल दिया मदद -: गौरीशंकर बुजुर्ग की कहानी बताते हुए सूबे के स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव की भी तारीफ करते नहीं थकते है… गौरी ने बताया कि ज़ब अस्पताल में बुजुर्ग को एडमिट करने के लिए डॉक्टर ना.. नुकुर कर रहे थे..इस दौरान गौरी ने सीधे सूबे के स्वास्थ्य मंत्री को दूरभाष में पूरी बातों से अवगत करवा दिया.. स्वास्थ्य मंत्री ने मामले को सुनकर तत्काल मदद का भरोषा गौरी को दिया… इसके बाद मंत्री बंगले से सम्बंधित डॉक्टरों को निर्देशित किया गया कि बुजुर्ग अशोक के इलाज में कोताही ना बरता जाये.. और जल्द ही उनका उपचार शुरू किया जाये…इसके बाद बुजुर्ग अशोक का इलाज शुरू हुआ .. गौरी ने बताया कि रायपुर के एक एनजीओ के देखरेख में बुजुर्ग अशोक का इलाज चल रहा है.. और अशोक को दर्द से भी राहत मिला है और वे अभी सामान्य है …

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मामले में मनोवैज्ञानिक ओश विधि सेवा संस्थान के अध्यक्ष संदीप ने बताया कि मरीज का तीन दिनों से मेकाहारा में इलाज जारी है, अभी उनके घर का पता लगाया जा रहा है.. जल्द ही उन्हें उनके घर तक पहुंचाया जायेगा … वहीं सचिव अर्चना सिंग ने बताया कि मरीज को ज़ब 18 मार्च को मेकाहारा लाया गया था. तब उनकी स्थिति बहुत ज्यादा ख़राब थी.. इसके बाद उन्हें सर्जरी डिपार्टमेंट में ले जाया गया.. जहाँ उनके घाव को साफ किया गया.. और कीड़े निकाले गए.. वहीं तीन दिनों से उनका ड्रेसिंग लगातार जारी है..अभी उनकी स्थिति सामान्य है.. डॉक्टर ने बताया कि उनका घाव सूखने तक उनका ड्रेसिंग लगातार जारी रहेगा…